जन लोक-पाल बिल पर हाय तौबा लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने वाली समिति विशेषकर शान्ति भूषण को लेकर जो लोगो की विपरीत प्रतिक्रियाए आ रही है वह समझ से परे है सिर्फ समिति के ड्राफ्ट कर देने से ही बिल कानून नहीं बन जाएगा अंततोगत्वा संसद जब तक पारित नहीं कर देगी तब तक यह कानून कैसे बनेगा यह ड्राफ्ट सुपर काप कैसे मान लिया लोगो ने ड्राफ्ट बन जाने से लोक तन्त्र का हनन कैसे हो गया भ्रष्टाचार रोकने हेतु कुछ लोगो ने पहल की उस पहल का विरोध भ्रष्ट राजनैतिक लोग करे समझ में आता है लेकिन मीडिया भी इसे समझ कर समझना नहीं चाहता है ये बात पाठकों को हजम नहीं हो रही है पंजाब केसरी का विशेष सम्पादकीय सीडी विवाद ओम शान्ति पढ़ कर दुःख हुवा जिसमे लिखा है की जन लोकपाल बिल को कचरे दाल दिया जाय जहां तक जेपी जन आंदोलन या गांधी जी के आंदोलनों का प्रश्न है बदलती हुई समय काल परस्थितियो में आवश्यक नहीं की भ्रष्टाचार आंदोलनों से ही रोका जा सकता है इस देश की जनता बहुत सहनशील है असीमित धैर्य है सम्भवतः भ्रष्टाचार को और अगले दस साल तक झेलती रहे जहां नेताओं की सभा के लिए भी भीड़ पैसा खर्च करके जुटाई जाती हो वहाँ काले धन भ्रष्टाचार को लेकर बहुत बड़ी भीड़ गांधी मैदान पटना की तरह लोग इकट्ठे होंगे मुझे इसमे संदेह है इसीलिए मेरी राय है की लोकपाल विधेयक को आगे बढ़ाने दिया जाय अभी तो इसमे और अधिक अवरोध आयेंगे इसके जन्म पूर्व भ्रूण ह्त्या का प्रयास आपका समाचार पत्र करने से कम न करे क्योंकि पंजाब केस्सारी के लिए पाठकों के दिल में एक अलग ही स्थान है विक्रम सिंह जनकपुरी अलीगढ Email: vikram06@gmail.com Bimal Khemani RTI activist ALIGARH-202001 INDIA Mob:935-972-4625 --- On Sat, 23/4/11, Sunil Ahya <sunilahya@gmail.com> wrote:
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Friday, April 22, 2011
Re: [rti4empowerment] Challenges before the proposed JanLokpal Bill
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