Saturday, June 27, 2015

[rti4empowerment] सपा सरकार की तीन साल की उपलब्धियों का बखान करने बाले 30 लाख पत्रक छपवा अखिलेश ने फूंके जनता के 45 लाख रुपये !

 


सपा सरकार की तीन साल की उपलब्धियों का बखान करने बाले 30 लाख पत्रक छपवा अखिलेश ने फूंके जनता के 45 लाख रुपये !
 
Find full story, leaflet & RTI reply at http://tahririndia.blogspot.in/2015/06/30-45.html

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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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[rti4empowerment] Akhilesh Yadav spent Rs. 45 Lakhs public money on 30 lakh leaflets to make SP reach every 29th literate eligible voter, Every 8th SP Voter just to popularize 3 years of SP rule in UP!

 

Akhilesh Yadav spent Rs. 45 Lakhs public money  on 30 lakh leaflets to make SP reach every 29th literate eligible voter, Every 8th SP Voter just to popularize 3 years of SP rule in UP!
 
 

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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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Wednesday, June 24, 2015

[rti4empowerment] PTI : CIC files on its publicity expenses not traceable

 





CIC files on its publicity expenses not traceable

Press Trust of India  |  New Delhi  June 22, 2015 

Some crucial files related to funds spent on media publicity for the Central Information Commission's annual conventions during last two years are not "readily traceable", an RTI response shows.

The CIC, which is also a watchdog for record keeping in the government offices, in a recent response to activist Lokesh Batra said that the files related to expenditure on publicity are not "readily traceable".

The central government had allowed the transparency panel to spend Rs 12 lakh for organising its annual conventions besides Rs 64.81 lakh and Rs 7.50 lakh, for media campaign through DAVP and advertisement in Air India's in-flight magazine respectively.

When Batra sought details of on media expenditure sanctioned by DoPT, CPIO of CIC, S K Rabbani said, "...In this regard, it is informed that the concerned file pertaining to organising convention/ events is not readily traceable. Requisite reply will be sent as the concerned file is traced."

The Commission, however, gave figures of expenditure incurred on its annual convention saying Rs 12.06 lakh had been spent for the above Annual Conventions/Events during 2012-13.

"Rs 14.16 lakh had also been incurred during 2013-14," he said in a separate response to Batra.

Batra said it wass not the first time that CIC has responded to his RTI saying file(s) are not traceable.

"It clearly indicates poor management of records keeping in the Commission. Irony is that what commission preaches does not apply in its home.

"The analyses of expenditure reveal that instead of maintaining austerity keeping with the spirit of the RTI Act, CIC had been doing wasteful expenditure of taxpayer's money on five star hospitality and expenditure on items those can be easily dispensed with," Batra alleged.

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Posted by: Lokesh Batra <batra_lokesh@yahoo.com>
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Wednesday, June 17, 2015

[rti4empowerment] अखिलेश के गढ़ आकर हक़ मांगेगा 'आरटीआई रत्न' गुरु प्रसाद का परिवार। बहरे अखिलेश को आवाज सुनाकर हक़ लेने के लिए सोशल मीडिया पत्रकार जागेन्द्र सिंह के परिवार को भी लखनऊ बुलाकर धरने पर बैठाने को प्रयासरत है सामाजिक संगठन 'येश्वर्याज' .

 


लखनऊ. 17  जून 2015.
 
शाहजहाँपुर के सोशल  मीडिया पत्रकार जागेन्द्र सिंह और बहराइच के .'आरटीआई रत्न' गुरु प्रसाद की निर्मम हत्या की घटनाओं ने पूरे देश को उद्देलित कर दिया   हैअब यह मुद्दे राष्ट्रीय मुद्दे बन गए हैं. उत्तर प्रदेश ही नहीं दिल्ली समेत अनेकों राज्यों के समाजसेवी इन मामलों में पूर्ण न्याय के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं.
 
यूपी के बहराइच जिले के हरदीगौरा ग्राम के  आरटीआई कार्यकर्ता  गुरु प्रसाद की निर्मम हत्या से आक्रोशित हुए सूबे के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने कल उत्तर  प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हज़रतगंज जीपीओ स्थित गांधी पार्क में  धरना प्रदर्शन किया था  और अखिलेश सरकार और उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग को जमकर कोसा था .आरटीआई कार्यकर्ताओं का कहना था कि  अखिलेशराज अब गुंडाराज में परिवर्तित हो चुका  है जिसमें गुरुप्रसाद जैसे लोकतन्त्र-सेनानियों की निर्मम हत्याएं की जा रहीं हैं. आज ऐसा ही प्रदर्शन झारखण्ड में हो रहा है.
 
गौरतलब है कि हाल ही में बीते 18 अप्रैल को सामाजिक संस्था येश्वर्याज सेवा संस्थान द्वारा लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय आरटीआई सेमीनार में गुरुप्रसाद को उनके सामाजिक योगदानों के लिए 'विष्णु दत्त मिश्रा मेमोरियल आरटीआई रत्न सम्मान 2015' से सम्मानित किया गया था.कार्यक्रम में आये गुरुप्रसाद ने राज्य सूचना आयोग को आरटीआई कार्यकर्ताओं के जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था. गुरु प्रसाद का कहना था कि सूचना आयुक्तों द्वारा लोकसेवकों से दुरभि संधि स्थापित कर सूचना दिलाने में जानबूझकर देरी की जाती है जिसके  कारण  प्रभावित लोकसेवकों को आरटीआई कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का पर्याप्त समय मिल जाता है. आरटीआई सम्मान समारोह में गुरुप्रसाद ने बताया था कि एक ग्राम प्रधान की अनियमितता उजागर कर उसको जेल बिजवा देने और अन्य अनियमितताएं उजागर करने की बजह से उनको किडनैप  कर मारा-पीटा गया था किन्तु आयोग के समक्ष ये सभी तथ्य  रखने पर भी    आयोग की कार्यप्रणाली जस की तस था  और उनके जीवन को  खतरा बढ़ता जा रहा था.
 
'आरटीआई रत्न' गुरु प्रसाद की निर्मम हत्या के  विरोध में आये आरटीआई कार्यकर्ताओं ने   धरना प्रदर्शन  करते हुए  सूचना आयोग द्वारा सूचना दिलाने में देरी को हत्या का प्रमुख  कारण बताते हुए पीड़ित परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की है   . कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा, घटना की  सीबी-सीआईडी जांच,मृतक की सभी आरटीआई सूचनाओं को सूचना आयोग की वेबसाइट पर 30  दिनों में सार्वजनिक करने, मृतक की लंबित शिकायतों का निपटारा90  दिन में करने और उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के आयुक्तों द्वारा सूचना दिलाने में और केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा मृतक केकी शिकायतों के  मामलों के निपटारे में देरी करने के मामले की जांच की मांग भी की है और इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन भी प्रेषित किये  हैं। 
 
सामाजिक कार्यकत्री और सामाजिक संस्था येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने  बरेली से  दूरभाष पर कहा  कि महज पांचवी पास भूमिहीन मजदूर गुरु प्रसाद की हत्या आजाद  भारत के  लोकतंत्र-रक्षक की हत्या है और ऐसी हत्याओं से देश में सहभागी  लोकतंत्र की स्थापना की मुहिम  को जबरदस्त  झटका  लगता है. उर्वशी ने बताया कि  वे  पीड़ित परिवार की सुरक्षा के प्रति चिंतित है और  पीड़ित परिवार से लगातार संपर्क में हैं. उर्वशी ने बताया कि  यदि जून माह के अंत तक ये मांगे नहीं मानी गयीं तो आगामी जुलाई में उनका संगठन   पीड़ित  परिवार के साथ लखनऊ में अखिलेश के गढ़ लखनऊ में अनिश्चितकालीन धरना - प्रदर्शन करेगा। 
 
 
उर्वशी ने बताया कि शाहजहाँपुर के सोशल  मीडिया पत्रकार जागेन्द्र सिंह का परिवार  अभी शाहजहाँपुर में ही धरने पर बैठा है पर यूपी की बाहरी सरकार कानों के नीचे जूँ तक  नहीं रेंग  रही है अतः उनका संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान जागेन्द्र सिंह के  परिवार को  अखिलेश के गढ़ लखनऊ बुलाकर अपने  हक़ की आवाज बुलंद करने के लिए पीड़ित परवार से संपर्क कर रहा है। 
 
 
" हमारी योजना अपने साथ 'आरटीआई रत्न' गुरु प्रसाद के  परिवार और  सोशल  मीडिया पत्रकार जागेन्द्र सिंह के परिवार को लखनऊ बुलाकर धरने पर बैठाकर सूबे की सपा सरकार को आइना दिखाने की है. इसके लिए उर्वशी अन्य सामाजिक संगठनों का सहयोग लेने को भी प्रयासरत हैं.

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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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