Friday, June 28, 2013

[rti4empowerment] FIR sought- Actor Kamal Khan’s denigrating comments on two SC castes

 


FIR sought- Actor Kamal Khan's denigrating comments on two SC castes

Film Director, Producer, Actor Kamal R Khan has made extremely objectionable criminal comments as regards two Schedule Caste castes in his review of film Raanjhana. 

In the 09.40 minute Video Review uploaded on Youtube on 20 June 2013, other than some extremely improper personal comments against hero Dhanush, Khan also said-"Sir, I don't know whether you are from UP or not, but I am. In the whole of UP, you will find cobblers and sweepers who look like Dhanush but you will not find a single Brahman of such dirty looks as him in entire UP." 

Kamal R Khan's comments are clearly casteist in nature and is an offence under section 3(1)(x) of the SC, ST (Prevention of Atrocities) Act 1989. The crime becomes all the more serious because these words have come from highly placed, socially recognized film star in today's twenty-first century. 

Hence I have presented an application for registration of FIR at Gomtinagar police station, Lucknow.
 
Amitabh Thakur|Lucknow|# 094155-34526

दी गयी एफआईआर की प्रति--
सेवा में,
थाना प्रभारी,
थाना गोमतीनगर,
जनपद लखनऊ  

विषय- श्री कमाल आर खान द्वारा राँझना नामक फिल्म की रिव्यू में अत्यंत ही निंदनीय आपराधिक टिप्पणी के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु

महोदय,
     
कृपया अनुरोध है कि मैं अमिताभ ठाकुर, पेशे से आईपीएस अधिकारी स्थायी पता- निवासी 5/426, विराम खंड, गोमती नगर, लखनऊ हूँ. मैं आपके समक्ष श्री कमाल आर खान पता- बँगला नंबर 7/70, महादा एस वी पी नगर, निकट वर्सोवा टेलीफोन एक्सचेंज, अँधेरी (वेस्ट), मुंबई- 400053, फोन नंबर-022 - 26375425 / 26 / 27 / 28 / 29 / 30, ईमेल kamalintlbom@hotmail.com / kamaalrkhan@hotmail.com द्वारा हाल में ही प्रदर्शित एक फिल्म राँझना के सम्बन्ध में एक विडियो रिव्यू में प्रयुक्त किये गए अत्यंत ही निंदनीय, जातिसूचक, आपराधिक शब्दों और टिप्पणियों को आपके समक्ष इस अनुरोध के साथ प्रस्तुत कर रहा हूँ कि कृपया इस सम्बन्ध में तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित कर अग्रिम कार्यवाही करने की कृपा करें.

मुझे यूट्यूब पर प्रसारित होने वाले इस विडियो रिव्यू (रिकॉर्डिंग) की सूचना एक मित्र के माध्यम से मिली और मैंने वेबसाईट लिंक http://www.youtube.com/watch?v=WwVKjmsS37U पर "Raanjhanaa Movie Review by KRK | KRK Live" शीर्षक यह विडियो अपने निवास पर देखा. यह विडियो 9.40 मिनट का है और यह 20 जून 2013 को लोड किया गया बताया जा रहा है.

इस विडियो रिव्यू में इस फिल्म के हीरो श्री धनुष के लिए अत्यंत ही आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की गयी हैं पर चूँकि वे पूर्णतया व्यक्तिगत टिप्पणियाँ हैं अतः मैं उन पर कुछ नहीं कहना चाहता.

जिस विषय को मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ वह है श्री कमाल आर खान की टिप्पणी- "सर, पता नहीं आप यूपी से हैं या नहीं है, बट मैं यूपी से हूँ. पूरे यूपी में जैसा धनुष है वैसे आपको भंगी मिलेंगे, चमार मिलेंगे, बट एक भी इतना सड़ा हुआ पंडित आपको पूरे यूपी में कहीं नहीं मिलेगा."

स्पष्ट है कि श्री कमाल आर खान की यह टिप्पणी सीधे-सीधे जातिसूचक है. यह अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(x) के अंतर्गत अपराध है.

इस अपराध की भयावहता इस कारण और भी बढ़ जाती है कि यह टिप्पणी एक पढ़े, लिखे, सामाजिक हैसियत वाले एक कथित फिल्म स्टार द्वारा आज के इक्कीसवीं सदी के समाज में की गयी है और इस कारण से श्री कमाल खान का आचरण पूरी तरह अक्षम्य है.

मैं स्वयं इन जातियों से नहीं हूँ पर एक बुद्धिजीवी और सामाजिक रूप से संवेदनशील व्यक्ति होने के नाते मैं भी श्री खान के इस अत्यंत घृणित और बेतुके टिप्पणी से अन्तःस्थल तक आहत और अचंभित हूँ और इस रूप में इस प्रकरण में सामने आ कर कठोरतम विधिक कार्यवाही संपन्न कराना अपना नैतिक और विधिक कर्तव्य समझते हुए आपके सम्मुख उपस्थित हुआ हूँ. यह सादर निवेदन करूँगा  कि श्री कमाल खान की उपरोक्त टिप्पणी किसी भी प्रकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अथवा मनोरंजन हेतु दिया गया वक्तव्य नहीं है बल्कि सीधे-सीधे दो अनुसूचित जाति के लोगों पर घृणित और ओछी टिप्पणी है.

अतः मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि उपरोक्त आपराधिक कृत्य के संज्ञेय अपराध होने के कारण धारा 154 सीआरपीसी के अंतर्गत इनके सम्बन्ध में उपयुक्त तथा विधिसम्मत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित कर आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें. मैं विशेषकर निवेदन करूँगा कि अनुसूचित जाति के प्रति किये गए इस इस अत्यंत गंभीर अपराध के सम्बन्ध में एफआईआर दर्ज किया जाना और आज के समय में भी इस प्रकार की घटिया सोच रखने वाले लोगों पर दंडात्मक कार्यवाही किया जाना न्याय हित में नितांत आवश्यक प्रतीत होता है.
                                                     
भवदीय,


पत्र संख्या- AT/Kamal/01                                   (अमिताभ ठाकुर)
दिनांक- 28/06/2013                                                5/426, विराम खंड,
                                                                                                                                               
गोमती नगर , लखनऊ  
                                                                                                                                                94155-34526
 


Copy of the FIR-   http://amitabhandnutan.blogspot.in/2013/06/copy-of-fir-presented-as-regards.html


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