Monday, April 2, 2012

[rti4empowerment] rajasthan patrika : Monday, 02 Apr 2012 8:30:18 hrs IST :महात्मा गांधी राष्ट्रपिता कब बने?

 

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Lucknow

महात्मा गांधी राष्ट्रपिता कब बने?

Monday, 02 Apr 2012 8:30:18 hrs IST

लखनऊ। पूरा देश जिस महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से जनता है
उन्हें पहली बार राष्ट्रपिता कब और किसने कहा ये जानकारी किसी के पास
नहीं है। यही नहीं महात्मा गांधी का वारिस होने का दावा करने वाली
कांग्रेस पार्टी और उनके नेतृत्व में चल रही केन्द्र सरकार के पास भी इस
बात की जानकारी नहीं है कि मोहनदास करम चंद गांधी को पहली बार
राष्ट्रपिता कब कहा गया। जब इस सवाल को लखनऊ की बारह वर्षीय छात्रा
एश्वर्या पारसर ने सूचना के अघिकार के तहत भारत सरकार से जानना चाहा तो
प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय अभिलेख संग्राहलय ने
इस सवाल का जवाब देने की जगह हाथ खड़े कर दिए।

गांधी जी के बारे में क्लास में पाठ पढ़ रही ऎश्वर्या को अचानक जिज्ञासा
हुई कि महात्मा गांधी कि राष्ट्रपिता यानी 'द्घaह्लद्धer श्द्घ
naह्लiश्n' पहली बार कब और किसने कहा? पहले शिक्षिका, फिर माता पिता और
उसके बाद दोस्त रिश्तेदार भी जब जवाब न दे पाए तो ऎश्वर्या ने इन्टरनेट
का सहारा लिया। खोज कि पर जानकारी नहीं मिली। ऎश्वर्या ने आरटीआई के तहत
प्रधानमंत्री कार्यालय को चिटी भेजी और यही सवाल किया। प्रधानमंत्री
कार्यालय ने इस चिटी को गृह मंत्रालय भेजा और उसके बाद गृह मंत्रालय ने
सभी प्रकार के रेकॉड्र्स रखने वाले ' naह्लiश्naद्य arष्द्धi1eह्य श्द्घ
inस्त्रia' को यह पत्र भेजा। उसके बाद ऎश्वर्या के पास जवाब आया , ऎसी
कोई जानकारी दर्ज नहीं है।

अब ऎश्वर्या चाहती है कि महानतम गांधी को लिखित रूप में भी ये दर्जा मिले
और इसके लिए वो पत्र लिखकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को आग्रह करने कि
तैयारी में है। वहीं ऎश्वर्या को इस काम में मदद करने वाले उनके माता
पिता भी कहते हैं कि राष्ट्रपिता सबके दिलो दिमाग में बसे हैं तो सरकारी
कागजों में क्यों नहीं हों?

नेहरू और सुभाष्ा चंद्र बोस ने किया है जिक्र
वैसे तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में ढेरो जानकारी मिलती है।
उनको प्यार से बापू का संबोधन किया जाता है। उन्हें महात्मा भी कहा जाता
है- जानकारी मिलती है कि 1914 में पहली बार उन्हें महात्मा कहा गया। कुछ
साक्ष्य बताते हैं कि रविंद्रनाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा कह कर पुकारा
था। गौरतलब है कç ये जानकारी जरूर मिलती है कि जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें
राष्ट्रपिता लिखा है, तो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 1944 में रंगून में
दिए गए एक स्पीच का जिक्र आता है जिसमें उन्होंने गांधी जी को
राष्ट्रपिता संबोधन किया है। कहा जाता है कि यहीं पहली बार संबोधित किया
गया, पर इस प्रमाण पर सरकारी रेकॉड्र्स कुछ नहीं कहते। यानि सवाल फिर
वहीं रहा कि पहली बार कब और किसने कहा।
राघवेन्द्र प्रताप सिंह

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