Sunday, August 30, 2015

[rti4empowerment] जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग विषयक l

 

Ref. No: 20150830/Demonstration/Memo/YSS/2015-16                         Date :30th August 2015

 

सेवा में,
श्री अखिलेश यादव
मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश राज्य
उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ - उत्तर प्रदेश
                                                                                                                                                                                                           
विषय : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग विषयक l
 
महोदय,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके  सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का  अपराध कारित किया गया है l
इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02  लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l
 
इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक 24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008  , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है l
 
यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l
 
आप से अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके  सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस संज्ञेय अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की जांच सीबी-सीआईडी से कराकर सभी दोषियों को दण्डित कराने की नियमपूर्ण कार्यवाही तत्काल कराने का कष्ट करें l
 
 
आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में :
 
1-      उर्वशी शर्मा,सचिव-येश्वर्याज सेवा संस्थान,लखनऊ
2-      राम स्वरुप यादव – एस आर पी डी एम 3 एस लखनऊ
3-      ज्ञानेश पाण्डेय – तहरीर
4-      तनवीर अहमद सिद्दीकी – पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता
5-      हरपाल सिंह – सूचना का अधिकार कार्यकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन
6-       
 
 
 
 
 
 

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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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