Saturday, October 4, 2014

[rti4empowerment] Salute to Nafis Khan as true citizen of India

 

Salute to Nafis Khan as true citizen of India

Nefees Khan, who had come from Mumbai to his village Otia, ps Shivratanganj in Amethi district could not restrain himself to see a green mango tree being felled. On 2nd October, he contacted ASP Amethi at his CUG No 1977 at 12 noon and again at 10 AM on 3rd.

On 3rd, at around 1.30 PM, policemen from Inhona outpost, ps Shivratanganj came to Otia and took away the contractor Taj Mohammad alias Tajau. Tajau had to pay Rs. 15,000 to get out of the police net and he showed his anger to Nafis on his phone number provided by the police.

Nafis narrated the entire event to SP Amethi, on his CUG No 0427 at around 03 PM who told Nafis very brusquely why he was telling this to him, why he didn't tell all this to ASP. He even commented what did Nafis get by doing all this

Visibly shaken and disturbed, Nafis remembered me at this junction because he had heard good things about me and his friend ex IPS Kiran D Jadhav always talked good about me. He contacted me, told me the entire story and also sent photographs from the spot. He also got me talk to the contractor Tajau who told that before undertaking the job, he has already given Rs. 2000 to the outpost incharge but the moment complaint reached the police, the incharge immediately raised the rate to Rs. 50,000 which he finally settled at Rs. 15,000.

I have talked to IG Zone on phone and has sent him a written complaint seeking necessary legal and administrative actions, proper security to Nafis and return of Rs. 17,000 taken from Tajau.

I salute Nafis Khan for his social concern and courage and wish there were thousands of Nafis Khan all around us.


सेवा में,
श्री सुभाष चंद्रा,
पुलिस महानिरीक्षक,
लखनऊ ज़ोन,
लखनऊ
विषय- एसपी और एएसपी, अमेठी को हरा पेड़ कटने की सूचना देने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने विषयक
महोदय,
      कल (03/10/2014) रात्रि करीब 8.52 बजे मेरे मोबाइल नंबर 094155-34526 पर मोबाइल नंबर 096281-10502 से एक फोन आया जिनसे मेरी करीब 25 मिनट तक बात हुई. वे काफी घबराये और परेशान से जान पड़ते थे और उन महोदय ने शुरुआत इस बात से की कि वे बहुत ही दुखी और डिस्टर्ब हैं और चूँकि उन्होंने मेरे बारे में अच्छा सुन रखा है, मेरे कार्यों से परिचित हैं और उनके मित्र यूपी के पूर्व आईपीएस अफसर श्री किरण जाधव मेरी काफी प्रशंसा करते हैं अतः वे इस कष्ट की घडी में मुझसे अपनी बात कहना चाहते हैं.
मेरी सहमति प्राप्त होने पर उन्होंने बताया कि वे ग्राम ओटिया, थाना शिवरतनगंज, जनपद अमेठी के रहने वाले हैं. वे आम तौर पर मुंबई में रहते हैं और वर्तमान समय में अपने गाँव आये हुए हैं. दिनांक
02/10/2014 को उन्होंने अपने गाँव और बगल के गाँव शेखनगाँव के बीच में ईदगाह पर एक पुराने और बड़े आम का हरा पेड़ कटते हुए देखा. सुबह पेड़ कटना शुरू हुआ. स्वयं को सामाजिक रूप से जागरूक और जिम्मेदार आदमी समझने के कारण उन्होंने इसे अपना कर्तव्य समझा कि वे इस तरह नाजायज़ तरीके से हरे आम का पेड़ कटने की सूचना पुलिस को दें. उन्होंने दिनांक 02/10/2014 को समय लगभग 12-12.30 बजे एएसपी अमेठी के सीयूजी नंबर 1977 पर फोन कर इस मामले की सूचना दी. एएसपी ने इस सूचना पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया लेकिन इसके बाद भी दिनांक 02/10/2014 को मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई और पेड़ पूर्ववत कटता रहा. जब अगले दिन भी पेड़ इसी तरह कटता रहा तो उन्होंने दिनांक 03/10/2014 को सुबह लगभग 10 बजे एएसपी, अमेठी को पुनः फोन कर बताया. इसके बाद करीब 1.30 बजे पुलिस चौकी इन्होना, थाना शिवरतनगंज की पुलिस आई और मौके पर पेड़ कटवा रहे ठेकेदार को करीब दो बजे दिन में अपने साथ पकड़ कर पुलिस चौकी ले गयी.
फिर करीब
3.00 बजे उन्हें उस ठेकेदार का फोन आया जो उनसे काफी नाराज़ था. उसने पूछा कि उनकी ठेकेदार से क्या दुश्मनी थी जो इस प्रकार उसकी शिकायत पुलिस से की. ठेकेदार ने बताया कि उसे पुलिस ने 15,000 रुपये ले कर छोड़ दिया और कहा कि सिर्फ उनके चक्कर में 15,000 का नुकसान हो गया. ठेकेदार ने कहा कि यह सब करने से उनका क्या फायदा हुआ? ठेकेदार ने उन्हें भविष्य में देख लेने की धमकी भी थी. जब उन्होंने ठेकेदार से पूछा कि उनका नाम और फोन नंबर उसे कैसे ज्ञात हुआ तो ठेकेदार ने बताया कि चौकी के ही एक सिपाही ने उन्हें यह सब बताया था.
वे सज्जन इन बातों से काफी आहत हुए कि एक तो पुलिस ने मामले में कोई कार्यवाही नहीं की, ऊपर से उनका नाम भी सामने रख दिया जिसके कारण उनकी नाहक ठेकेदार से दुश्मनी हो गयी है. उन्हें इस बात का भी बेहद मलाल था कि उनके साथ यह सब एएसपी जैसे सीनियर पुलिस अफसर को सूचना देने के बाद हो रहा था.
इसी मनःस्थिति में उन्होंने एसपी अमेठी को उनके सीयूजी मोबाइल नंबर
0427 पर लगभग 3.00 बजे फोन किया और उन्होंने तब तक की पूरी बात बतायी. लेकिन उन्हें बेहद कष्ट तब हुआ जब एसपी ने उनकी बात बड़े ही अनमने ढंग से सुनी और सब कुछ सुनने के बाद कहा कि आप ये सब बात मुझे क्यों बता रहे हैं, ये बात भी आप एएसपी को ही बता देते. साथ ही यह भी कहा कि इस सब से आपको क्या मिलता है. एसपी द्वारा इस तरह की बात सुन कर वे एकदम से मायूस और डिस्टर्ब हो गए. उन्होंने कहा कि मुझसे गलती हो गयी और फोन काट दिया.
उनके अनुसार उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि इस प्रकार की सूचना एसपी और एएसपी जैसे सीनियर अफसरों को देने के बाद उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया मिलेगी और उनके साथ इस प्रकार की स्थितियां आएँगी जिसमे एक तो कोई कार्यवाही नहीं होगी, पैसे ले कर हरा पेड़ काटने वाला ठेकेदार छोड़ दिया जायेगा, ठेकेदार से दुश्मनी हो जायेगी और जिले का एसपी ऊपर से यह कहेगा कि आपको इस तरह के काम से क्या मिलता है.
फिर उन्होंने देखा कि शाम लगभग
6.00 बजे उस जगह दो ट्रेक्टर लगे थे और लकड़ी लोड हो रही थी. तब से वे अत्यंत आहत थे और परेशान भी लेकिन उनकी हिम्मत दुबारा एसपी से बात करने की नहीं हुई. उन्होंने रात में बड़ी हिम्मत करके मुझे फोन किया और पूरी बात बतायी.
मैंने उनसे कहा कि मैं इस मामले को सीनियर अफसरों तक ले जाऊँगा तो क्या वे सामने आना चाहेंगे. पहले वे हिचके क्योंकि उन्हें यह डर था कि इससे ठेकेदार के साथ तमाम पुलिसवालों से भी दुश्मनी हो जायेगी पर मैंने अपने स्तर पर उनका हौसला बढ़ाया. मेरे थोडा सा कहने पर ही वे तैयार हो गए. उन्होंने अपना नाम श्री नफीस खान पुत्र श्री अज़ीम निवासी ग्राम ओटिया थाना शिवरतनगंज बताया और कहा कि वे अब हर स्तर पर अपनी बात कहने को तैयार हैं.
आज सुबह मैंने लगभग
08.15 पर उनसे दुबारा बात की और कहा कि वे मुझे मौके की कुछ तस्वीरें सबूत के तौर पर भेजें जो उन्होंने व्हाट्सएप के जरिये भेजी हैं.
व्हाट्सअप पर फोटो भेजने के बाद जब श्री नफीस खान ने मुझसे आज समय 10.52 पर 4 मिनट तथा समय 11.31 पर 5 मिनट बात किया तो उन्होंने अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां बतायीं. उन्होंने बताया कि पेड़ काटने वाले ठेकेदार आज फिर उनके गाँव आये थे और पहले उन्होंने श्री नफीस के प्रति नाराजगी दिखाई थी लेकिन जब गांववाले श्री नफीस की तरफ खड़े हो गए तो ठेकेदार शांत हुए. बाद में ठेकेदार और श्री नफीस में बातचीत हुई जिसमे ठेकेदार ने उन्हें बताया कि उन्होंने पेड़ काटने के पहले ही पुलिस चौकी जा कर चौकी इंचार्ज को दो हज़ार रुपये दे दिए थे लेकिन जब बाद में श्री नफीस ने एएसपी को शिकायत कर दी और पुलिसवाले ठेकेदार को पकड़ कर चौकी ले गए तो चौकी इंचार्ज ने यह कहते हुए कि अब ऊपर तक शिकायत हो गयी है, मुकदमे से बचत की एवज़ में 50,000 रुपये मांगने शुरू कर दिए. बातचीत पहले 20,000 रुपये तक पहुंची, फिर 18 हज़ार, 16  हज़ार से होते हुए अंत में सौदा 15 हज़ार रुपये में पक्का हुआ. इस तरह दो हज़ार के साथ ठेकेदार को 15,000 रुपये ऊपर से देने पड़े. इसके बाद चौकी इंचार्ज ने ठेकेदार को इस शर्त पर छोड़ा कि वे रातोंरात लकड़ी उठवा लेंगे. ठेकेदार की श्री नफीस की यही नाराजगी थी कि उन्होंने दो हज़ार के ऊपर 15,000 रुपये का दंड लगवा दिया.
श्री नफीस ने मुझे बताया कि ठेकेदार उनके सामने खड़े हैं और उन्होंने मुझसे फोन पर एक आदमी से बात कराया जो संभवतः ठेकेदार थे. मेरे पूछने पर उन्होंने अपना नाम श्री ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ पुत्र श्री इन्साद निवासी ग्राम पुरे नवाज़पूर बताया. उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने मंगलवार को चौकी जा कर चौकी इंचार्ज को दो हज़ार रुपये दे दिए थे और चौकी इंचार्ज ने उन्हें पेड़ काटने की अनुमति दे दी थी लेकिन जब शिकायत हुई तो पुलिस ने रेट एकदम से बढ़ा कर 50,000 कर दिया जो  20, 18, 16 हज़ार से होते 15 हज़ार पर तय हुआ. श्री ताज ने अपना मोबाइल नंबर 096708-88713 बताया. उन्होंने बताया कि यह पेड़ किसी श्री शग्गु की थी जिनके घर में शादी थी और इसी मजबूरी में उन्हें अपना पेड़ बेचना पड़ रहा था. उन्होंने यह भी बताया कि वे लकड़ी का ही काम करते हैं.
मैंने श्री ताज मोहम्मद को आश्वस्त किया कि मैं पुलिस से उनका पूरा पैसा वापस कवराऊंगा जिस पर वे काफी संतुष्ट लगे.

यदि श्री नफीस और श्री ताज मोहम्मद की कही बातें सही हैं (जो उनकी आवाज़, भाव-भंगिमा और बातचीत के क्रम से मुझे व्यक्तिगत रूप से पूरी तरह सही लगती हैं) तो मुझे यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यह प्रकरण कितना
संगीन और गंभीर है. अतः मैं आपसे सादर निम्न तीन निवेदन कर रहा हूँ-
1.       कृपया इस मामले की तत्काल अपने स्तर से उच्च-स्तरीय जांच करा कर इस प्रकरण में दोषी पाए गए जिम्मेदार पुलिस अफसर सहित सभी व्यक्तियों के विरुद्ध समस्त आवश्यक विधिक तथा प्रशासनिक कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें
2.       श्री नफीस से संपर्क करा कर उनकी आवश्यक सुरक्षा सुनिश्चित कराये जाने की कृपा करें ताकि ठेकेदार श्री ताज अथवा पुलिस की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी क्षति नहीं पहुंचे
3.       श्री ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ से लिया गया 17 हज़ार रुपये (15+2 हज़ार) की धनराशि उन्हें वापस दिलवाए जाने की कृपा करें  
                                                           भवदीय,
पत्रांक संख्या- AT/Comp/01/14  
दिनांक 04/10/2014                                                                                  (अमिताभ ठाकुर)
                                                                                                                    5/426, विराम खंड,
                                                                                                                                      गोमती नगर, लखनऊ 
                                                                                                                                      #  94155-34526
 
संलग्नक- व्हाट्सअप द्वारा भेजे गए कुछ फोटोग्राफ
 
 
 
 

Amitabh Thakur
# 094155-34526

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Posted by: Nutan Thakur <nutanthakurlko@yahoo.in>
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