Saturday, May 21, 2016

Re: [rti4empowerment] Digest Number 2316

 

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2 Messages

Digest #2316
1
यूपी : मुआवजों में by "urvashi sharma" rtimahilamanchup
2
UP : बेदाग़ छवि के IAS क�¥ by "urvashi sharma" rtimahilamanchup

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Fri May 20, 2016 4:24 am (PDT) . Posted by:

"urvashi sharma" rtimahilamanchup

राज्यपाल,डीएमलखनऊ के आश्वासन के बाद भी मृत आरटीआई कार्यकर्ता के परिवार को नहीं मिला मुआवजा :लखनऊ आकर आज से अनशन करेगा बहराइच का पीड़ित परिवार     लखनऊ/20-05-16 प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में पैठरखने वाले बहराइच जिले के महसी ब्लॉक के हरदीगौरा गांव के  प्रधान त्रिलोकी नाथ को गुरु प्रसाद शुक्ला द्वाराआरटीआई का प्रयोग कर गांव में कराए गए विकास कार्यों से सम्बंधित भ्रष्टाचार उजागरकर प्रधान के खिलाफ कार्यवाही कराने को तत्पर होना इतना नागवार लगा कि उसने बीते13 जून 2015 को अपने साथियों के साथ मिलकर गुरु प्रसाद शुक्ला की लाठी,डंडों,बांके और ईंटों से मार मार करहत्या कर दी । मृत्यु से पूर्व गुरु प्रसाद ग्राम प्रधान की अनियमितताओं के खिलाफतीन माह तक धरने पर भी बैठे थे जिसके बाद प्रधान की खामियों की जांच शुरू हो गईथी। गुरु प्रसाद ने त्रिलोकी नाथ से पहले के प्रधान के द्वारा किये घोटाले को भीउजागर करके उसके द्वारा गबन किये रुपये की रिकवरी कराई थी और अपने प्रयासोंसे उसको जेल भिजवाया था । गुरु प्रसाद के परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस भीहत्या की साजिश में शामिल थी।  हत्या से कुछ दिनपूर्व ही 18अप्रैल 2015 को लखनऊ की सामाजिक संस्थायेश्वर्याज सेवा संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय आरटीआई सेमिनार में गुरु प्रसाद को उनके सामाजिक योगदानों के लिए ही 'विष्णुदत्त मिश्रा मेमोरियल आरटीआई रत्न सम्मान 2015' से सम्मानित किया गया था।  भूमिहीन मजदूर गुरु प्रसाद की हत्या के बाद आर्थिक हालातखराब होने और गाँव के दबंगों से जान-माल की असुरक्षा के चलते पीड़ित परिवार ने नेबीते साल अगस्त माह में बहराइच के जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी मांगों के सम्बन्धमें अनशन किया था किन्तु जब बहराइच के जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद भी उनकी कोईभी मांग पूरी नहीं हुई तब निराश होकर वे 12 अक्टूबर 2015 से न्याय की आस लेकर लखनऊमें जी.पी.ओ. के पास महात्मा गांधी पार्क में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे । आरटीआई कार्यकर्त्ता के इस धरने को येश्वर्याज सेवा संस्थान के साथ-साथदर्जनों सामाजिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया था ।                      बीते साल 26 अक्टूबर को लखनऊ के जिलाधिकारी द्वारा पीड़ित परिवार से वार्ता करके उनकी मांगे पूरी कराने का आश्वासं देने के बाद यह धरना स्थगित कर दिया गया था  ।  बाद में येश्वर्याज सेवा संस्थान के आग्रह पर यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने भी पीड़ित परिवार से भेंट कर मांगे पूरी कराने का आश्वासं दिया था तथा किन्तु अब तक मांगे पूरी न होने के चलते व्यथित पीड़ित परिवार आज से लखनऊ के जी.पी.ओ. के पास महात्मा गांधी पार्क में अपने स्थगित धरने को फिर से शुरू करने को मजबूर हो गया है ।   समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने सूबे की अखिलेश सरकार पर मुआवजों में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में राज्यपाल और लखनऊ के जिलाधिकारी के आश्वासानों का भी कोई मूल्य न होना सिद्ध होने से स्पष्ट है कि अखिलेश प्रशासन मानवीय मूल्यों के सन्दर्भ में पूर्णतया संवेदनहीन है । उर्वशी ने अखिलेश द्वारा साधन-संपन्न रसूखदारों पर मुआवजा लुटाने और गरीब पीड़ितों को मुआवजा न देने वाला मतलबपरस्त संवेदनहीन मुख्यमंत्री बताते हुए अखिलेश सरकार की मुआवजा नीति को कटघरे में खड़ा किया है ।     पीड़ित परिवार की 10 मांगें निम्नवत हैं   :  1-          सामाजिक कार्यकर्ता स्व० गुरु प्रसाद भूमिहीन मजदूर और पीड़ित परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे l उनकी मृत्यु के बाद जान-माल के खतरे की बजह से पीड़ित  परिवारीजनों को गाँव में रातों में जागकर पहरा देना पड़ता है और इसीलिये ये  लोग दिन में कोई नियमित रोज़गार नहीं कर पा रहे है और इस कारण उनका परिवार धीरे-धीरे भुखमरी के कगार पर आ गया है अतः इन  परिवारीजनों को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए, किसी भी सरकारी योजना का 1  आवास दिया जाए और परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए l2-     सभी परिवारीजनों और हत्याकांड के सभी गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाए। 3-     स्व० गुरुप्रसाद की हत्या की एफ. आई. आर.में इन परिवार वालों को पीटे जाने की धाराएं जोड़ी जाएँ l 4-     स्व० गुरुप्रसाद की हत्या की एफ. आई. आर. के आरोपियों पर रासुका की धाराएं जोड़ी जाएँ l 5-     स्व० गुरुप्रसाद के द्वरा उजागर की गयी वित्तीय अनियमित्ताओ और हत्या के प्रकरण की सीबीआई/सीबीसीआईडी जांच कराई जाए l6-     स्व० गुरु प्रसाद द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में दायर सभी आरटीआई अपीलों की सूचनाओं को सूचना आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाए l 7-      स्व० गुरु प्रसाद द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में दायर सभी आरटीआई अपीलों पर उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के आयुक्तों द्वारा सूचना दिलाने में देरी के मामलों की जांच कराकर दोषी सूचना आयुक्तों को दण्डित किया जाए l 8-     स्व० गुरु प्रसाद द्वारा की गयी शिकायतों का निपटारा  समयबद्ध रूप से किया जाए l 9-     केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा स्व० गुरु प्रसाद द्वारा की गयी शिकायतों के निपटारे में देरी करने के मामलों की जांच कराकर दोषी अधिकारियों को दण्डित किया जाए l 10-   बहराइच जिले के ब्लाक महसी में विगत 2 वर्षों में कराये गए विकास कार्यों की जांच कराई जाए l  

Fri May 20, 2016 4:50 am (PDT) . Posted by:

"urvashi sharma" rtimahilamanchup


 लखनऊ/20 मई 2016/ गिफ्टमें मिले 30 लाख के हार के खो जाने के चलते राज्यकर्मियों के मानवाधिकारों का हननकरने वाले यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन आजकल ख़बरों में छाए हुए हैं । कल राजधानीमें बेदाग़ छवि के IAS को ही अगला मुख्यसचिव बनाने की मांग के लिए होनेवाले एक धरने में रंजन एक बार फिर सूबे के समाजसेवियों के निशाने पर होंगे ।यूपी में अगले साल 2017 की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं । ऐसे में यह साल 2016 चुनावी साल होने के चलते यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।  सरकार की योजनाओं को लागू कराने में मुख्य सचिव की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होने की व्यवस्था के चलते ही यूपी की सरकार अपने मनपसंद आई.ए.एस. को ही सूबे का मुख्य सचिव बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है ताकि वह आम जनता के लिए कम प्रभावी योजनाओं को भी अपने दिखावटी अंदाज में प्रस्तुत कर सुगमता से लागू करा सके ।  यही कारण रहा कि अखिलेश यादव ने स्वयं पत्र लिखकर वर्तमान मुख्य सचिव आलोक रंजन के सेवा-विस्तार की अनुशंषा की ताकि इस चुनावी वर्ष में सरकार रंजन के सहारेचुनावी वैतरिणी में अपना सफर जारी रख सके । अब सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर दागी आई.ए.एस. अधिकारियों को ही सूबे का मुख्य सचिव बनाने का आरोप लग रहा है और इस बार अखिलेश पर यह आरोप सूबे के समाजसेवियों ने लगाया है ।  समाजसेवियों ने पूर्व मुख्य सचिव जावेद उस्मानी और वर्तमान मुख्य सचिव आलोक रंजन को दागी बताते हुए अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोलकर किसी बेदाग़ छवि के IAS को ही यूपी को अगला मुख्य सचिव बनाने की मांग को एक धरने के माध्यम से जोरदार ढंग से उठाने की घोषणा की है ।   धरने की आयोजिका समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने बताया कि कल लखनऊ के जी.पी.ओ. केपास स्थित महात्मा गांधी पार्क में लखनऊ की सामाजिक संस्था 'येश्वर्याज सेवासंस्थान' के तत्वावधान में एक धरना देकर प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें प्रदेश केसुदूर क्षेत्रों के समाजसेवी शिरकत करेंगे ।  उर्वशी ने बताया कि यूपी की सरकारें अपनेनिहितार्थ साधने के लिए ही दागदार छवि के आई.ए.एस. अधिकारियों को मुख्य सचिव जैसामहत्वपूर्ण पद सौंप रही हैं ताकि सरकार मदारी बन इन दागियों को बन्दर की तरह अपनेइशारों पर नचा सकें । उर्वशी के अनुसार दागी होने के नाते यह आई.ए.एस. भी जनहितको सर्वोपरि रखने का अपना कर्तव्य भूलकर सरकार के चाटुकार बन जाते हैं और आम जन केलिए जनकल्याणकारी कार्यों को प्राथमिकता देने के स्थान पर सरकार की दिखावटी योजनाओंकी डुगडुगी पीट-पीट कर अपना उल्लू सीधा करते रहते हैं । बकौल उर्वशी यूपीकी सरकार और यह दागी आई.ए.एस. परस्पर साधक-सिद्धक बन आम जनता की पीठ में छुराघोंपकर एक दूसरे की अनियमितताओं को पोषित करते हैं जिससे सरकारी योजनाओं केक्रियान्वयन में भ्रष्टाचार अपनी पैठ बनाता है ।  यूपी के पूर्ववर्ती मुख्य सचिव जावेद उस्मानी कोकेंद्र की पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार के कोयला घोटाले का दागी और 30 जून 2016 तक सेवा विस्तार पाए आलोक रंजन को ई.ओ.यू.-1 दिल्ली केअपराध संख्या आर.सी.-2(ई)/2007,जिसमें दिनांक 09/09/2015 को अलोक रंजन के खिलाफअभियोजन की स्वीकृति माँगी गयी है, का दागी बताते हुए उर्वशी ने अखिलेश यादव कोभ्रष्टाचार के मुद्दे पर आड़े हाथों लेते हुए सबाल उठाया कि आखिर क्यों अखिलेश ने नकेवल यूपी के दो दागी आई.ए.एस. अधिकारियों को लगातार यूपी का मुख्य सचिव बनायाबल्कि आलोक रंजन को तो तीन माह का सेवा विस्तार दिलाने में व्यक्तिगत रूचि भी ली ?उर्वशी के अनुसार अखिलेश के ऐसे कृत्यों से उनकी भ्रष्टाचार के मामले में मिस्टरक्लीन की छवि खुद-ब-खुद ही संदेह के दायरे में आ रही है । 
उर्वशी ने बताया कि इस चुनावी साल में आलोक रंजन कासेवा-विस्तार काल पूरा होने के बाद आगामी 1 जुलाई को किसी बेदाग़ छवि के IAS को ही सूबे के अगले मुख्य सचिव का कार्यभार ग्रहणकराने की मांग को सार्वजनिक रूप से उठाने के लिए वे कल लखनऊ के जी.पी.ओ. के पास स्थित महात्मा गांधीपार्क में यूपी के समाजसेवियों के साथ धरने पर बैठेंगी औरधरने के बाद देश के प्रधानमंत्री और सूबे के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपेंगी । उर्वशी के अनुसार यदि उनकेइस सार्वजनिक प्रदर्शन के बाद भी किसी दागी आई.ए.एस. को सूबे का मुख्य सचिव बनायाजायेगा तो उनका संगठन उच्च न्यायालय में पी.आई.एल. दायर कर सरकार के इस जन-विरोधी औरभ्रष्टाचार को पोषित करने बाले कदम का विरोध करेगा ।      

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Posted by: Alok Tholiya <atholiya@gmail.com>
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