Saturday, December 19, 2015

[rti4empowerment] यूपी राज्यपाल 11 जनवरी को सुनेंगे आरटीआई कार्यकर्ताओं की समस्याएं : भेदभावपूर्ण मुआवजा नीति,यूपी के सूचना आयुक्तों की अक्षमता और आयुक्तों द्वारा किये जा रहे आरटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीडन की बढ़ती घटनाओं पर होगी चर्चा.

 

यूपी राज्यपाल 11 जनवरी को सुनेंगे आरटीआई कार्यकर्ताओं की समस्याएं : भेदभावपूर्ण मुआवजा नीति,यूपी के  सूचना आयुक्तों की अक्षमता और आयुक्तों द्वारा किये जा रहे आरटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीडन की बढ़ती घटनाओं पर होगी चर्चा.  

लखनऊ/19 दिसम्बर 2015/ यूपी में आरटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीडन और बहराइच के मृत आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद के परिवार की लम्बे समय से दबी पडी मुआवजे की आबाज अब यूपी के राज्यपाल तक पंहुचेगी और इन मामलों में कुछ समाधान होने की उम्मीद नज़र आ रही है. लखनऊ के एक सामाजिक संगठन की अर्जी पर राजभवन ने इस संगठन की सचिव को दूरभाष कर सूचित किया है कि सूबे के राज्यपाल राम नाइक ने इस मुद्दे पर संगठन के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से रूबरू बातचीत के लिए आने बाले जनवरी माह में समय दे दिया है.  
 
 
दरअसल लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान ने बीते अक्टूबर महीने में राज्यपाल को एक पत्र लिखकर यूपी के आरटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीडन की गंभीर समस्याओं और बहराइच के मृत आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद के परिवार के मुआवजे की मांग को सुनकर उनका समाधान करने की गुहार लगाए हुए व्यतिगत भेंट हेतु समय देने का अनुरोध किया था. येश्वर्याज की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि राजभवन के कार्यालय ने उनको मोबाइल पर सूचित किया है कि राज्यपाल ने आने बाले 11 जनवरी को सायं 4 बजे उनकी संस्था के एक 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मिलकर  आरटीआई कार्यकर्ताओं के मुद्दे पर वार्ता करने के लिए समय दे दिया है. 
 
 
येश्वर्याज की सचिव और आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने बताया कि यूपी में बीते कुछ वर्षों में आरटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीडन की घटनाओं में बहुत अधिक इजाफा हुआ है. बकौल उर्वशी वैसे तो आरटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीडन की सभी घटनाएं निंदनीय हैं परन्तु हाल की उत्पीडन की इन घटनाओं का सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण और भर्त्सनीय पहलू यह है कि इनमें से बहुतायत  घटनाएं उत्तर प्रदेश के सूचना आयोग की सुनवाइयों के दौरान सूचना आयुक्तों के हाथों पीड़ित होने बाले आरटीआई आवेदकों की हैं.
 
 
उर्वशी ने बताया कि उनके सामने अनेकों मामले आये हैं जिनमें सूचना आयुक्तों द्वारा उत्पीडन किये जाने के बाद आरटीआई आवेदकों ने राजभवन के समक्ष शिकायतें प्रस्तुत कीं हैं किन्तु राजभवन ने इन शिकायतों पर आरटीआई एक्ट की धारा 17 के प्राविधानों के अंतर्गत कार्यवाही करके शिकायतों को अग्रिम जांच के लिए उच्चतम न्यायालय को संदर्भित करने के स्थान पर इनको उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक सुधार विभाग के मार्फत बापस सूचना आयोग ही भेज दिया है जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है और आरटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीडन की घटनाओं में लगातार वृद्धि होती जा रही है.   
 
 
उर्वशी ने बताया कि वे राज्यपाल को सूचना आयुक्तों के द्वारा किये जा रहे उत्पीडन और उनकी अक्षमता के सबूत देते हुए इन मामलों को अग्रिम जांच के लिए उच्चतम न्यायालय को संदर्भित करने की मांग करेंगी. उर्वशी ने कहा कि वे राज्यपाल के समक्ष यूपी की मुआवजा नीति को एकसमान और पारदर्शी बनाने की मांग रखते हुए  बहराइच जिले के हरदीगौरा ग्राम के समाजवादी पार्टी समर्थित पूर्व प्रधान द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद की ईंटों,लाठी,डंडों और बनके से कूंच-कूंच कर की गयी निर्मम हत्या के बाद उसके पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने के मुद्दे पर भी बातचीत करेंगी.
 
 
गौरतलब है कि गुरु  प्रसाद के परिवारीजनों ने मुआवजे की मांग करते हुए लखनऊ में जीपीओ स्थित महात्मा गांधी पार्क में 14 दिन तक धरना भी दिया था जिसे बीते अक्टूबर माह में लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर के आश्वाशन पर पीड़ित परिवार ने स्थागित कर दिया था.
 
 
उर्वशी ने बताया कि राज्यपाल से मिलने जाने बाले प्रतिनिधिमंडल में सूचना आयुक्तों के हाथों पीड़ित हुए 2 आरटीआई कार्यकर्ता और  गुरु प्रसाद के पीड़ित परिवार के 2 सदस्य भी सम्मिलित रहेंगे.

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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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