Saturday, January 2, 2016

[rti4empowerment] उर्वशी शर्मा ने दर्ज कराया नूतन ठाकुर के खिलाफ मानहानि का मुकद्दमा l

 


Urvashi Sharma,through her counsel Tribhuvan Kumar Gupta, gets a criminal case registered against Nutan Thakur W/O suspended IPS Amitabh Thakur U/S 499,500,501 & 502 IPC as Nutan fails to provide evidences for her defamatory remarks against activist Urvashi Sharma & her NGO YAISHWARYAJ. 

उर्वशी शर्मा और एनजीओ येश्वर्याज पर मानहानिकारक कमेंट्स करने के लिए निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर पर आईपीसी की धारा 499,500,501 और 502 में अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता के मार्फत उर्वशी ने दर्ज कराया है मुकद्दमा ।


लखनऊ /02 जनवरी 2016/ लखनऊ की सामजिक कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने आज शनिवार को उत्तर प्रदेश के निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी और सामाजिक कार्यकत्री नूतन ठाकुर के खिलाफ अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता के मार्फत मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है । उर्वशी ने लखनऊ की जुडिशिअल मजिस्ट्रेट दुर्गेश नंदिनी के समक्ष यह शिकायत दर्ज कराई है। अदालत ने  उर्वशी का मुकदमा दर्ज कर लिया है और इस मामले में उर्वशी का बयान 05 जनवरी मंगलवार को दर्ज होगा। उर्वशी ने नूतन पर आईपीसी की धारा 499,500,501 और 502  में मानहानि करने वाला अपराध बताते हुए कार्यवाही की प्रार्थना की है।


बताते चलें कि लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव, सामाजिक कार्यकत्री और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने यूपी के निलंबित चल रहे आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी सामाजिक कार्यकत्री और आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर को इससे पहले हाई कोर्ट के अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता के माध्यम  से कानूनी नोटिस भेजकर नूतन पर कायराना एवं दूषित मानसिकता के तहत उनकी व उनकी संस्था येश्वर्याज की मानहानि करने का आरोप लगाया था ।


उर्वशी ने बताया कि उन्होंने बीते 5 नवम्बर को सामाजिक संस्था येश्वर्याज की  सचिव की हैसियत से हाई कोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में एक पी.आई.एल. दायर करके न्यायालय से यूपी के निलंबित आईपीएस अमिताभ  ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के विरुद्ध लंबित रेप और धोखाधड़ी की तथा अमिताभ  ठाकुर के विरुद्ध भ्रष्टाचार की एफ.आई.आर. की त्वरित विवेचना कराने के साथ साथ लोकायुक्त द्वारा अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध की गयी जांच की अनुशंषाओं पर त्वरित कार्यवाही हेतु उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया था । इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीते 16 नवम्बर को येश्वर्याज की इस पीआइएल में किसी भी प्रकार का जनहित का मुद्दा नहीं बताते हुए इसे खारिज कर दिया था ।

उर्वशी ने बताया कि पीआईएल खारिज होने के बाद नूतन ठाकुर ने समाचार पत्रों के माध्यम से उन पर और उनकी संस्था येश्वर्याज पर यह पीआइएल यूपी के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के इशारों पर दायर किये जाने का गलत और झूंठा और आधारहीन आरोप लगाया था ।


बकौल उर्वशी येश्वर्याज संस्था ने 2011-12 में पंजीकरण के बाद से आज तक किसी भी सरकारी या प्राइवेट संस्थान से किसी भी प्रकार की कोई भी मदद नहीं ली है और इसीलिये नूतन ठाकुर द्वारा उनकी संस्था पर सूबे के खनन मंत्री से मदद का आरोप लगाने से उनकी व उनके सामाजिक संगठन की घोर अपहानि कारित हुई थी ।


उर्वशी ने इस नोटिस के माध्यम से नूतन पर येश्वर्याज के प्रति दुर्भावना का आरोप लगाया था  और नूतन ठाकुर को 15 दिन का समय देते हुए नूतन के 'गायत्री के इशारों पर पीआइएल किये जाने' संबंधी वक्तव्य के सम्बन्ध में ठोस साक्ष्य एवं सबूतों की मांग की गयी थे । नूतन द्वारा सबूत न देने की स्थिति में नूतन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किये जाने की बात भी इस नोटिस में कही गयी  थी ।


उर्वशी के अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने बताया कि नूतन ठाकुर की तरफ से कोई जबाब न आने पर आज उन्होंने वादिनी उर्वशी की ओर से यह मुकद्दमा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है  

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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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