आईएएस सदाकांत के खिलाफ महिला आयोग में उत्पीडन की शिकायत
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- Saturday, 24 August 2013 08:04
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ नौकरशाह के खिलाफ महिला समाजसेविका के उत्पीडन और अपने उच्च पद के प्रभाव का इस्तेमाल महिला समाजसेविका को धमकाने के लिए करने की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से करने का प्रकरण सामने आया है|
राजधानी लखनऊ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा नें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा को फैक्स से शिकायत भेजकर उत्तर प्रदेश कैडर के आई० ए० एस० सदाकांत द्वारा बिना किसी प्रमाण के अपने पत्र में उन पर " गलत कार्य " किये जाने की आपत्तिजनक टिप्पणी करने और सदाकांत द्वारा उच्च पद के प्रभाव का दुरुपयोग कर उनको धमकी देने के प्रकरण की नियमानुसार जांच करा कर सदाकांत के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने की मांग की है|
ममता शर्मा को संबोधित पत्र में पत्र में उर्वशी ने कहा है कि स्वयं एक महिला होने के नाते वे भिज्ञ होंगी कि भारतीय समाज एक महिला के सम्बन्ध में "गलत कार्य" की टिप्पणी को समाज उस महिला के चरित्र के साथ जोड़कर देखता है| किसी पुरुष द्वारा बिना किसी प्रमाण के किसी सद्चरित्र महिला के बारे इस प्रकार की पतित और अधम टिप्पणी करना उस महिला की चारित्रिक हत्या करना है| उर्वशी ने कहा कि सदाकांत द्वारा मेरे संबंध इस प्रकार के अनुचित शव्दों का लिखकर इस्तेमाल किया गया है जो न केबल आपत्तिजनक है अपितु सम्पूर्ण महिला समाज के प्रति भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रथम श्रेणी का दर्जा प्राप्त महानुभाव सदाकांत की महिला विरोधी मानसिकता को सिद्ध करता है|
उर्वशी के मुताबिक सदाकांत का यह कृत्य जानबूझकर किया गया जघन्य अपराध है जिसके लिए इनको भारतीय कानून के तहत दण्डित किया जाना आवश्यक है| सदाकांत ने इसी पत्र में यह भी कहा है कि उर्वशी पर किये गए गलत कार्यों के सम्बन्ध में कार्यवाही भी प्रस्तावित है| भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव का पद धारण करने बाले सदाकांत द्वारा एक महिला के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने की लिखित धमकी देना यह सिद्ध करता है कि सदाकांत में अपने उच्च पद के प्रभाव का दुरुपयोग कर महिलाओं को धमकी देने की आपराधिक प्रवृत्ति भी है| एक समाजसेवी महिला को लिखित धमकी देना सदाकांत की महिला विरोधी मानसिकता के साथ साथ इनकी महिलाओं के प्रति आपराधिक मानसिकता को सिद्ध करता है जिसके लिए इनको भारतीय कानून के तहत दण्डित किया जाना आवश्यक है|
उर्वशी ने यह भी लिखा है कि सदाकांत द्वारा उन पर लगाये गए गलत कार्य करने संबंधी आरोपों का प्रकाशन समाचार पत्रों में भी हुआ जिसकी जानकारी उनको परिचितों के माध्यम से हुई और यह भी कि सदाकांत की ही बजह से उनका जीना दूभर हो गया है|
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