लखनऊ| रक्षा मंत्रालय द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत दी गयी सूचना के मुताबिक, 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की सूचना का सार्वजनिक होना राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक है lदरअसल लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा ने Read full story at http://socialactivistsanjaysharma.blogspot.in/
'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की 'मानवाधिकार उल्लंघन' के सन्दर्भ में समीक्षा करने के उद्देश्य से बीते 23 फरबरी 2013 को भारत सरकार के गृह विभाग से सूचना के अधिकार के तहत स्वर्ण मंदिर परिसर में चलाये गए 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' को चलाने के फैसले की पत्रावली के अभिलेखों की नोट शीट्स सहित सत्यापित प्रतियाँ माँगी थीं l
ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार 5 जून, 1984 ई. को भारतीय सेना के द्वारा चलाया गया था। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों की गतिविधियों को समाप्त करना था। पंजाब में भिंडरावाले के नेतृत्व में अलगाववादी ताकतें सिर उठाने लगी थीं और उन ताकतों को पाकिस्तान से हवा मिल रही थी। पंजाब में भिंडरावाले का उदय इंदिरा गाँधी की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं के कारण हुआ था। अकालियों के विरुद्ध
भिंडरावाले को स्वयं इंदिरा गाँधी ने ही खड़ा किया था। लेकिन भिंडरावाले की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाएं देश को तोड़ने की हद तक बढ़ गई थीं। जो भी लोग पंजाब में अलगाववादियों का विरोध करते थे, उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता था।3 जून, 1984 को भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर पर घेरा डालकर भिंडरावाले और उसके समर्थकों के विरुद्ध निर्णायक जंग लड़ने का निश्चय किया। हालाँकि सेना ऐसा
नहीं करना चाहती थी लेकिन इंदिरा गांधी ने दरबार साहिब पर हमला करने की ठान ली थी l
भिंडरावाले और उसके समर्थकों द्वारा आत्मसमर्पण न किए जाने पर 5 जून, 1984 को भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में प्रवेश कर लिया। तब भिंडरावाले और उसके समर्थकों ने भारतीय सेना पर हमला किया। भारतीय सेना ने भी जवाब में कार्रवाई की और इस मुहिम को 'ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार' का नाम दिया गया। यह ऑपरेशन क़ामयाब रहा।
कोई सूचना न मिलने पर संजय ने 13 मई 2013 को भारत सरकार के गृह विभाग में अपील दी l भारत सरकार के गृह विभाग के संयुक्त सचिव तथा अपीलीय अधिकारी भगवान शंकर ने 27 जून 2013 को संजय का सूचना का आवेदन रक्षा मंत्रालय को अंतरित किया l
रक्षा मंत्रालय के अनु सचिव आरके झा के 31 जुलाई 2013 के पत्र के माध्यम से दी गयी सूचना के मुताबिक भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का मानना है कि 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की सूचना को अधिनियम की धारा 8(1)(a) के तहत प्रगटन से छूट प्राप्त है और इस सूचना का सार्वजनिक होना राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक है l
संजय के अनुसार सभी लोक प्राधिकारी अपने 'प्रशासनिक या न्यायिककल्प विनिश्चयों को लिए जाने के कारण' देश की जनता को बताने को बाध्य हैं ऐसे में देश की जनता को स्वर्ण मंदिर परिसर में चलाये गए 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' को चलाने के फैसले के कारणों को जानने का भी पूरा हक है l 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' चलाने का निर्णय लिए जाने के कारणों को जानने के लिए ही संजय ने यह आरटीआई दाखिल की थी| संजय अब
रक्षा मंत्रालय के इस निर्णय के खिलाफ केंद्रीय सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर करने जा रहे हैं l
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