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यादव सिंह मामले को देखकर तो लगता है मानों यूपी की सरकारों ने यादव सिंह के हाथों पूरे नोएडा को ही अनधिकृत रूप से बेचने का सौदा किया हुआ था l कुछ ऐसी ही चीजें पोंटी चड्ढा के बारे में भी सामने आयीं थीं पर कार्यवाही के नाम पर आखिर हुआ क्या ?
बहुत हुआ ये अकेले-अकेले निलंबन-बहाली का खेल l अब समस्या को समग्र रूप से देखने की आवश्यकता है l यूपीएसआईडीसी के अरुण मिश्रा, एलडीए के आरएन सिंह, एसबी मिश्रा, आरके शुक्ल, ओपी मिश्रा, निर्माण निगम के आरके गोयल, आरएन यादव, सीपी सिंह, लोकनिर्माण के त्रिभुवन राम तो यादव सिंह के जैसे कुछ नाम भर हैं जिनसे लगता है कि दाल में कुछ काला है पर हकीकत में पूरी की पूरी दाल ही काली है l
बिना भ्रष्ट आईएएस संवर्ग के शामिल हुए ये महाघोटाले संभव ही नहीं हैं l इसलिए हमने पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के राज्यपाल से यूपी में तैनात दागी आईएएस महेश कुमार गुप्ता,चंचल कुमार तिवारी, गुरदीप सिंह, जीतेन्द्र कुमार, धनलक्ष्मी, संजीव सरन, राकेश बहादुर, अनिल राज कुमार, भवनाथ, राजीव कुमार, दीपक सिंघल,सदाकांत और अनुराग यादव की संपत्ति की गहराई से छानबीन करने की मांग की है l
Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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