Tuesday, April 22, 2014

[rti4empowerment] SP candidate from UP capital is a liar, reveals RTI. Contrary to prevailing claims, Abhishek Mishra had never been a PROFESSOR at IIMA. RTI casts doubts on Mishra holding a doctorate degree. Is election commission listening? आखिर लखनऊ से झूंठ क्यों बोल रहे हैं सपा प्रत्याशी ? कभी प्रोफेसर नहीं रहे अभिषेक मिश्रा ! अभिषेक मिश्रा की डॉक्टरेट डिग्री पर भी संशय ! क्या यह लखनऊ की जनता के साथ लखनऊ से सपा प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा द्वारा की गयी धोखाधड़ी नहीं है और क्या चुनाव आयोग को इस मामले में अभिषेक मिश्रा को अयोग्य घोषित कर मिश्रा के खिलाफ धोखाधड़ी का आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराना चाहिए?

 

SP candidate from UP capital is a liar, reveals RTI. Contrary to prevailing claims, Abhishek Mishra had never been a PROFESSOR at IIMA. RTI casts doubts on Mishra holding a doctorate degree. Is election commission listening? आखिर लखनऊ से झूंठ क्यों बोल रहे हैं सपा प्रत्याशी ? कभी प्रोफेसर नहीं रहे अभिषेक मिश्रा ! अभिषेक मिश्रा की डॉक्टरेट डिग्री पर भी संशय ! क्या यह लखनऊ की जनता के साथ लखनऊ से सपा प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा द्वारा की गयी धोखाधड़ी नहीं है और क्या चुनाव आयोग को इस मामले में अभिषेक मिश्रा को
अयोग्य घोषित कर मिश्रा के खिलाफ धोखाधड़ी का आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराना चाहिए?

लखनऊ में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी पूरे उफान पर है l लखनऊ से सपा प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा के प्रोफेसर बाले पोस्टर,बैनर,पर्चे यत्र-तत्र-सर्वत्र दिखाई दे रहे हैं l अभिषेक मिश्रा स्वयं को देश की प्रतिष्ठित संस्था आई आई एम अहमदाबाद का पूर्व प्रोफेसर बताते आये हैं पर हकीकत में महाशय अभिषेक मिश्रा आई आई एम अहमदाबाद में कभी प्रोफेसर रहे ही नहीं हैं l ऐसे में बड़ा सबाल यह है कि
जिस देश में झूठ बोलकर चतुर्थ श्रेणी तक की नौकरी पाने बाले को न केवल अयोग्य माना जाता है बल्कि उसके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाता है आखिर कैसे उसी देश में अभिषेक मिश्रा सरीखे व्यक्ति जनता के समक्ष असत्य तथ्य तक रखकर अपने आप को बढ़ा - चढ़ाकर दिखाते हैं और कभी विधान सभा पहुंच जाते हैं तो कभी लोक सभा के प्रत्याशी बनकर वोट मांगते दिखाई देते हैं और सारा सिस्टम
मूकदर्शक बना मात्र तमाशा देखता रहता है पर करता कुछ भी नहीं है l

आरटीआई में आई आई एम अहमदाबाद से प्राप्त प्रपत्रों के अनुसार अभिषेक मिश्रा 27 फरवरी 2007 से 01 अक्टूबर 2009 तक की अल्प अवधि के लिए आई आई एम अहमदाबाद में असिस्टेंट प्रोफेसर रहे हैं न कि प्रोफेसर l अब सबाल यह है कि जब हकीकत में अभिषेक मिश्रा आई आई एम अहमदाबाद में कभी प्रोफेसर रहे ही नहीं हैं तो लखनऊ में लोकसभा चुनाव में अभिषेक मिश्रा को प्रोफेसर बताने बाले पोस्टर,बैनर,पर्चे
बांटना या बंटवाना क्या जनता के साथ की जा रही धोखाधड़ी नहीं है ? क्या यह लखनऊ की जनता के साथ लखनऊ से सपा प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा द्वारा की गयी धोखाधड़ी नहीं है और क्या चुनाव आयोग को इस मामले में अभिषेक मिश्रा को अयोग्य घोषित कर मिश्रा के खिलाफ धोखाधड़ी का आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराना चाहिए?

आई आई एम अहमदाबाद, उत्तर प्रदेश शासन और चुनाव आयोग में सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा और मेरी आरटीआई में प्राप्त प्रपत्रों से अभिषेक मिश्रा की डॉक्टरेट डिग्री पर भी संशय उत्पन्न हो रहा है l आई आई एम अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश शासन के पास अभिषेक मिश्रा की डॉक्टरेट डिग्री नहीं है और चुनाव आयोग ने अभी तक आरटीआई का जवाव नहीं दिया है l

अभिषेक मिश्रा के सम्बन्ध में आई आई एम अहमदाबाद में सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा और मेरी आरटीआई में प्राप्त प्रपत्रों से आई आई एम अहमदाबाद की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह भी लग रहे हैं जो आई आई एम अहमदाबाद और अभिषेक मिश्रा के मध्य दुरभिसन्धि होने की पुष्टि कर रहे है l

आरटीआई में प्राप्त प्रपत्रों को डाउनलोड करने के लिए इन दो वेबलिंक्स पर क्लिक करें l
http://upcpri.blogspot.in/2014/04/rti-by-urvashi-sharma-reveals-abhishek.html
http://upcpri.blogspot.in/2014/04/rti-by-activist-sanjay-sharma-casts.html

उर्वशी शर्मा
मोबाइल- 9369613513

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