urvashi sharma
<rtimahilamanchup@gmail.com>महोदय,
येश्वर्याज सेवा संस्थान लखनऊ स्थित एक सामाजिक संगठन है जो विगत 15
वर्षों से अनेकों सामाजिक क्षेत्रों के साथ-साथ 'लोकजीवन में पारदर्शिता
संवर्धन और जबाबदेही निर्धारण' के क्षेत्र में कार्यरत है l
आपको अवगत कराना है कि सुनील कुमार और सदाकांत उपरोक्त ने अन्य सचिवालय
कर्मियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार में लिप्त होकर एक कूटरचित दस्तावेज
तैयार किया और इसे उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 के कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119 (70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 के रूप
में जारी किया lयह कूटरचित दस्तावेज उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका
संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक 24-02-06 , सर्वोच्च न्यायालय की
याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008, उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक
24-11-,विभाग की सेवा नियमावली और विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों को
खूंटी पर टांगकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर पद की अर्हता धारित न
करने वाले व्यक्ति का अवैध विनियमितीकरण करके इन भ्रष्ट विपक्षीगणों ने
अपने व्यक्तिगत निहितार्थ साधने को राज्य सरकार को आर्थिक क्षति भी कारित
की l इन भ्रष्ट अधिकारियों ने इस जघन्य अपराध को कारित करने में उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश दिनांक
02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 द्वारा जारी
कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ दिनांक 02 जुलाई
2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया l
मेरे द्वारा लोकायुक्त उत्तर प्रदेश से शिकायत करने के बाद इन भ्रष्टों
में से एक सुनील कुमार ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है जिसका प्रमाण
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग – 1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या
3219/26-1-2015-स0क0-1 लखनऊ दिनांक 24 अक्टूबर 2015 है l दूसरा शातिर
महाभ्रष्ट सदाकांत 200 करोड़ की रिश्वत लेने के चलते ACB, Dehradun के
अपराध संख्या RC-11(A)/2010 का अभियुक्त है और इसके खिलाफ 09/11/12 को
अभियोजन की स्वीकृति माँगी गयी है जो अभी प्रक्रियाधीन है l
अतः आपसे अनुरोध है कि इस प्रकरण की जांच कराकर उत्तर प्रदेश के इन दो
महाभ्रष्ट आई०ए० एस० सुनील कुमार और सदाकांत के साथ साथ उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों को उनके इस सिद्ध अपराध के लिए दण्डित कराकर
इन सबके खिलाफ विधिक कार्यवाही भी कराएं और इसकी सूचना हमारी संस्था को
भी दें l
अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित l
भवदीया
( उर्वशी शर्मा )
सचिव
--
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
Patron - Campaign to Protect RTI ( CPRI )
Vice Chairman - Save Cultural Values Foundation
102,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
येश्वर्याज सेवा संस्थान लखनऊ स्थित एक सामाजिक संगठन है जो विगत 15
वर्षों से अनेकों सामाजिक क्षेत्रों के साथ-साथ 'लोकजीवन में पारदर्शिता
संवर्धन और जबाबदेही निर्धारण' के क्षेत्र में कार्यरत है l
आपको अवगत कराना है कि सुनील कुमार और सदाकांत उपरोक्त ने अन्य सचिवालय
कर्मियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार में लिप्त होकर एक कूटरचित दस्तावेज
तैयार किया और इसे उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 के कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119 (70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 के रूप
में जारी किया lयह कूटरचित दस्तावेज उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका
संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक 24-02-06 , सर्वोच्च न्यायालय की
याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008, उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक
24-11-,विभाग की सेवा नियमावली और विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों को
खूंटी पर टांगकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर पद की अर्हता धारित न
करने वाले व्यक्ति का अवैध विनियमितीकरण करके इन भ्रष्ट विपक्षीगणों ने
अपने व्यक्तिगत निहितार्थ साधने को राज्य सरकार को आर्थिक क्षति भी कारित
की l इन भ्रष्ट अधिकारियों ने इस जघन्य अपराध को कारित करने में उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश दिनांक
02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 द्वारा जारी
कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ दिनांक 02 जुलाई
2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया l
मेरे द्वारा लोकायुक्त उत्तर प्रदेश से शिकायत करने के बाद इन भ्रष्टों
में से एक सुनील कुमार ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है जिसका प्रमाण
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग – 1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या
3219/26-1-2015-स0क0-1 लखनऊ दिनांक 24 अक्टूबर 2015 है l दूसरा शातिर
महाभ्रष्ट सदाकांत 200 करोड़ की रिश्वत लेने के चलते ACB, Dehradun के
अपराध संख्या RC-11(A)/2010 का अभियुक्त है और इसके खिलाफ 09/11/12 को
अभियोजन की स्वीकृति माँगी गयी है जो अभी प्रक्रियाधीन है l
अतः आपसे अनुरोध है कि इस प्रकरण की जांच कराकर उत्तर प्रदेश के इन दो
महाभ्रष्ट आई०ए० एस० सुनील कुमार और सदाकांत के साथ साथ उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों को उनके इस सिद्ध अपराध के लिए दण्डित कराकर
इन सबके खिलाफ विधिक कार्यवाही भी कराएं और इसकी सूचना हमारी संस्था को
भी दें l
अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित l
भवदीया
( उर्वशी शर्मा )
सचिव
--
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
Patron - Campaign to Protect RTI ( CPRI )
Vice Chairman - Save Cultural Values Foundation
102,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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