Sunday, November 8, 2015

[rti4empowerment] Corruption complaint against a fraud Lecturer of G.B.Pant Polytechnic Lucknow named Shraddha Saxena alias Shraddha Shukla reaches UP Lokayukta

 

 यूपी लोकायुक्त के दर पंहुची जी.बी.पन्त पालीटेक्निक की जालसाज प्रवक्ता श्रद्धा सक्सेना उर्फ श्रद्धा शुक्ला  के घोटालों की शिकायत l   

लखनऊ / 08 नवम्बर 2015 /.....  यूपी लोकायुक्त के समक्ष लखनऊ की समाजसेविका एवं येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा द्वारा अपनी आरटीआई के आधार पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) सुनील कुमार के विरुद्ध की गयी शिकायत को सही पाया गया है l उर्वशी की शिकायत पर लोकायुक्त द्वारा दिए गए निर्देशों पर कार्यवाही करते हुए समाज कल्याण विभाग ने लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक के राजपत्रित पद कर्मशाला अधीक्षक पर पवन कुमार मिश्रा के  नियम विरुद्ध किये गए विनियमितीकरण तथा नियम विरुद्ध रीति से 265 औधोगिक एवं प्राविधिक संस्थाओं का सचिव नियुक्ति किये जाने के दोनों आदेशों को रद्द करने की सूचना लोकायुक्त को दे दी है 
 
दरअसल शिकायतकर्ता उर्वशी  ने बीते 4 सितम्बर को यूपी के लोकायुक्त  के कार्यालय में एक शिकायत दायर कर सुनील कुमार पर  एक लोकसेवक के रूप में अपने कृत्यों का निर्वहन करने में व्यक्तिगत हित अथवा अनुचित या भ्रष्ट उद्देश्य से प्रेरित होने के आरोप लगाए थे । उर्वशी ने लोकायुक्त से सुनील कुमार के अलावा उत्तर प्रदेश शासन के तत्कालीन उपसचिव समाज कल्याण राज कुमार त्रिवेदी, एक दूसरे उपसचिव समाज कल्याण आर० डी० कल्याण, तत्कालीन विशेष सचिव अनुश्रवण प्रकोष्ठ न्याय विभाग, उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निदेशक के साथ-साथ राजकीय गोविंद बल्लभ पंत पॉलीटेक्निक लखनऊ के प्रधानाचार्य  को समन करके जांच करने का अनुरोध किया था 

सुनील कुमार पर पहला आरोप था कि उन्होंने सचिवालय के अन्य कार्मिकों के साथ मिल अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए प्रदेश सरकार के साथ छल किया। उन्होंने उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत कई कानूनी व प्रशासनिक आदेशों व तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा एक मिथ्या दस्तावेज बनाकर एक अपात्र व्यक्ति को द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमित कर उसे नियमित नियुक्ति प्रदान कर दी थी । दूसरे आरोप के तहत उर्वशी ने कहा था कि प्रमुख सचिव ने समाज कल्याण विभाग में अवैध रूप से कार्यरत कार्मिकों को नियम प्रतिकूल प्रश्रय दे रखा है और यह भी कि उनके द्वारा विभाग में सप्रमाण शिकायतें करने के बाबजूद विभाग द्वारा इन अवैध नियुक्तियों को समाप्त करने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी । उर्वशी ने यह भी आरोप लगाया था  कि सुनील कुमार ने विभाग के अनुसूचित जाति के छात्रों के मेस घोटाले के आरोपियों से दुराभिसंधि स्थापित करके उनको खुला संरक्षण दे रखा था और इसी बजह से शासन द्वारा इन घोटालेबाजों के भ्रष्टाचार की जांच नहीं कराई जा रही थी । तीसरे आरोप के तहत उर्वशी का कहना था  कि प्रमुख सचिव ने एक जालसाज व्यक्ति को विभाग की 265 औधोगिक एवं प्राविधिक संस्थाओं का सचिव नियुक्त करने के लिए 4 अगस्त, 2015 को समानता के संवैधानिक सिद्धांत को खूंटी पर टांग दिया और इस जालसाज को लाभ पंहुचाने के लिए निहायत ही शातिराना ढंग से एक 5 सदस्यीय परीक्षा बोर्ड का गठन किया।
 


उर्वशी की इस शिकायत पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ने बीते 23 सितम्बर को लोकायुक्त को जबाब भेज गलती मान ली थी  और इसका ठीकरा समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव केदारनाथ ,समाज कल्याण अनुभाग-1 के अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी के सर फोड़ दिया था और त्रुटि सुधार के लिए पत्रावली न्याय विभाग को संदर्भित करने की बात कही थी l बीते 23 सितम्बर को लोकायुक्त कार्यालय के उप सचिव अरविन्द कुमार सिंघल ने उर्वशी को सुनील कुमार का जबाब भेजते हुए उर्वशी को अपना प्रत्युत्तर देने के लिए कहा था l बकौल उर्वशी उन्होंने बीते 5 अक्टूबर को अपना प्रत्युत्तर लोकायुक्त को सौंप दिया था  
 
 
 
उर्वशी ने बताया कि लोकायुक्त कार्यालय द्वारा अब उनको सूचित किया गया है कि न्याय विभाग की राय लेने के बाद समाज कल्याण विभाग ने बीते 24 अक्टूबर को लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक के कर्मशाला अधीक्षक पवन कुमार मिश्रा के  नियम विरुद्ध किये गए विनियमितीकरण आदेश को भी रद्द कर दिया है l समाज कल्याण की 265 संस्थाओं के बोर्ड गठन के आदेश के सम्बन्ध में उर्वशी की शिकायत सही पायी गयी थे और सुनील कुमार ने बोर्ड गठन के त्रुटिपूर्ण आदेश को बीते 16 सितम्बर को ही स्थगित कर दिया था l
 
 
 
 
 
 
 
उर्वशी  ने बताया कि उन्होंने लोकायुक्त से भेंट करके सुनील कुमार द्वारा की गयी कार्यवाही को अपूर्ण बताते हुए अनुरोध किया है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा इन मुद्दों पर गलती मान लिए जाने के मद्देनज़र अब पवन कुमार मिश्रा और अश्विनी कुमार की अवैध नियुक्तियों को समाप्त कराने, पालीटेक्निक  मेस घोटाले की मास्टरमाइंड प्रवक्ता अंगरेजी श्रद्धा सक्सेना को तत्काल निलंबित करके श्रद्धा को दण्डित कराने और इन सभी प्रकरणों के दोषी लोकसेवकों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की अनुशंषा की जाए
 

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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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