Thursday, August 20, 2015

[rti4empowerment] UP IAS Sunil Kumar worse than a brothel-pimp.

 

 
मेरा कहना है कि यूपी का आईएएस और प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार अपने कर्मों में वैश्याओं के दलालों से भी गया गुजरा है l मेरा मानना है कि वैश्याओं के दलाल तो मजबूरी में अपनी और असहाय वेश्याओं की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए वेश्याओं के जिस्म मात्र की दलाली करते है पर जनता के पैसों से मोटी मोटी तनख्वाह लेने बाला यह भ्रष्ट आईएएस सुनील कुमार  तो पैसे और व्यभिचार के लिए अपने जमीर का और आईएएस पद की गरिमा का सौदा तक करने से नहीं हिचक रहा है l
 
मैंने इस पतित मानसिकता के निकृष्ट अधिकारी के शिकायत यूपी के मुख्य सचिव को भेजी है जो निम्नवत है :
 
 
सेवा में,                                                                                                                            स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रेषित
श्री आलोक रंजन
मुख्य सचिव – उत्तर  प्रदेश शासन
लखनऊ,उत्तर प्रदेश,भारत,पिन कोड-226001
 
विषय : प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ( आईएएस ) एवं अन्य द्वारा अपने लिए बिभिन्न व्यक्तिगत अभिलाभ अभिप्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार और कदाचार में लिप्त होकर अपने पद का दुरुपयोग किये जाने की जांच कराने आदि के सम्बन्ध में l
महोदय,
उपरोक्त विषयक सादर निवेदित है कि हमारी संस्था येश्वर्याज सेवा संस्थान की हेल्पलाइन पर की गयी बिभिन्न शिकायतों में हमें बताया गया है कि प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ( आईएएस ) द्वारा समाज कल्याण और न्याय विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर अपने लिए बिभिन्न व्यक्तिगत अभिलाभ अभिप्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार और कदाचार में लिप्त होकर निरन्तर अपने पद का दुरुपयोग किया जा रहा है l
 
इस भ्रष्ट सुनील कुमार ने घूस खाकर विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ में अवैध रूप से कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कार्मिक अश्विनी कुमार को नियम प्रतिकूल प्रश्रय दे रखा है l सुनील कुमार के इसी संस्था की महिला कार्मिक श्रद्धा सक्सेना से भी व्यक्तिगत सम्बन्ध हैं और यह आईएएस कई घोटालों को अंजाम देने बाली इस भ्रष्ट महिला को भी खुला संरक्षण  देकर इसके खिलाफ जांचें शुरू नहीं होने दे रहा हैl यही नहीं इस महाभ्रष्ट सुनील कुमार ने इसी संस्था के एक अन्य जालसाज कार्मिक पवन कुमार मिश्रा से घूस खाकर उच्च न्यायालय के आदेश, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और सेवा नियमावली के प्रतिकूल जाकर इस अनर्ह व्यक्ति का न केवल विनियमितीकरण किया अपितु शातिराना ढंग से संस्था के प्रधानाचार्य द्वारा प्रेषित प्रस्ताव की पत्रावली को छुपाकर आदेश संख्या 2825/26-1-2015-1(नियम)/2015 लखनऊ दिनांक 04 अगस्त 2015 द्वारा इस जालसाज को 265 औधोगिक एवं प्राविधिक संस्थाओं का सचिव भी नियुक्त किया है l हमें यह भी बताया गया है कि अश्विनी कुमार, श्रद्धा सक्सेना और पवन कुमार मिश्रा के विरुद्ध विभाग में आने बाले शिकायती पत्रों को यह भ्रष्ट और व्यभिचारी सुनील कुमार स्वयं अपने हाथों से फाड़कर फेंकता है l
 
हमें बताया गया है कि इन अनियमित कृत्यों में समाज कल्याण अनुभाग-1 और उत्तर प्रदेश शासन के न्याय विभाग के सुनील कुमार जैसे भ्रष्ट और व्यभिचारी अधिकारी और कर्मचारी भी संलिप्त हैं जिसकी पुष्टि इन सभी द्वारा किये जा रहे उपरोक्त वर्णित अनियमित कृत्यों की पत्रावलियों और इन सभी के  मोबाइल फोन्स की पारस्परिक कॉल्स और लोकेशन की डिटेल्स द्वारा भी की जा सकती है l
 
आपसे अनुरोध है कि शासन स्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के भ्रष्टाचार और व्यभिचार के इस मामले की गहन जांच कराकर जांच रिपोर्ट के आधार पर सुनील कुमार और अन्य दोषियों को दण्डित कराने की नियमपूर्ण कार्यवाही कराते हुए अश्विनी कुमार, श्रद्धा सक्सेना और पवन कुमार मिश्रा के विरुद्ध प्रशासनिक और विधिक कार्यवाही कराई जाए l
 
दिनांक : 18 अगस्त 2015
भवदीया
 
( उर्वशी शर्मा )
102,नारायण टावर,ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम,लखनऊ,उत्तर प्रदेश,पिन कोड – 226017

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Posted by: urvashi sharma <rtimahilamanchup@yahoo.co.in>
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