Good hobby , good time pass, good saving, anti depressant , green and beautiful, healthy activity.....and can be a business too.......Alok
Dec 10, 2013, 09.00AM IST
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Posted By Blogger to Beautiful We at 12/11/2013 01:44:00 AM
शहरों में जड़ें जमा रहा है किचन गार्डन का बिजनेस
जयश्री भोसले, पुणे
एक फार्मा कंपनी के सेल्स डायरेक्टर अमोल वाघ (45) एक ऑफिशियल विजिट पर विदेश में हैं। उन्होंने तय किया है कि अगले महीने लौटने पर वह घर में सब्जियों की खेती करेंगे। इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा रवाना होने से पहले उन्होंने टेरेस पर 60 पॉट्स में सब्जियों की बुआई की थी। इसके अलावा उन्होंने अपने बंगले के सामने गार्डन की कुछ क्यारियों में भी बीज बोए थे।
वाघ जैसे शहरी लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो बिजी लाइफ के बावजूद सब्जियों की खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं। एक महीना पुणे और एक महीना अदीस अबाबा में बिताने के बावजूद वाघ ने तय किया है कि वे अब घर में उगाई गई सब्जियां ही खाया करेंगे। उन्होंने कहा कि बतौर एक फार्मासिस्ट मुझे पता है कि सब्जियों पर कीटनाशकों का कितना खराब असर पड़ता है।
इस काम में हालांकि पॉट्स, मिट्टी, बीज आदि जुटाने में दिक्कत हो सकती है, लेकिन अगर यह काम आउटसोर्स कर दें तो आसानी हो जाती है। ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियों की खेती करने वालों के संगठन अभिनव फार्मर्स क्लब ने दो दिन पहले ही वाघ के घर में किचेन गार्डन लगाया है। वाघ या उनके किसी फैमिली मेंबर को सब्जियों की देखभाल में रोज बमुश्किल आधा घंटा देना होगा। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के बाद ज्यादा काम नहीं बचता। वर्मी कंपोस्ट यूनिट में न केवल किचेन और गार्डन के वेस्ट मटीरियल का इस्तेमाल हो जाएगा, इससे सब्जियों के लिए अच्छी खाद भी मिलेगी।
शहरों में रहने वाले काफी लोग किचन गार्डन में दिलचस्पी ले रहे हैं क्योंकि कम से कम कीटनाशकों के उपयोग से उगाई गई सब्जियों का मजा लेने का यही भरोसेमंद तरीका शहरों में रह गया है। पुणे के हिंजेवाड़ी आईटी पार्क में अभिनव फार्मर्स क्लब की ओर से हर रविवार होने वाले ट्रेनिंग सेशन में करीब 20 लोग आते हैं और सीखते हैं कि गमलों में सब्जियों की खेती कैसे की जा सकती है। इस एनजीओ ने हाल में एक प्रॉड्यूसर कंपनी की स्थापना की है और इसका एन्युअल टर्नओवर 24 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह ग्रुप एक किचन गार्डन लगाने के बदले 5 हजार से 10 हजार रुपये लेता है। यह एनजीओ जल्द मुंबई में भी किचन गार्डन बनाने में लोगों की मदद करना शुरू करेगा। बोडके ने कहा कि ठाणे से हमें पहले ही 56 ऑर्डर मिल चुके हैं।
ऑर्गेनिक वेजिटेबल्स सप्लाई करने के लिए इस क्लब की स्थापना करने वाले डी बोडके से लोगों ने अनुरोध किया था कि वे उन्हें किचन गार्डन बनाने में मदद करें। बोडके ने कहा कि इतने ज्यादा लोग गुजारिश करते हैं कि हम हर जगह अपने लोगों को किचन गार्डन के मेंटिनेंस के लिए नहीं भेज पाते हैं। इसे देखते हुए हमने ट्रेनिंग सेशन शुरू किए। खुद सब्जियां उगाने में जब वाघ को ठीकठाक सफलता नहीं मिली तो उन्होंने भी अभिनव फार्मर्स क्लब के ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लिया।
एक फार्मा कंपनी के सेल्स डायरेक्टर अमोल वाघ (45) एक ऑफिशियल विजिट पर विदेश में हैं। उन्होंने तय किया है कि अगले महीने लौटने पर वह घर में सब्जियों की खेती करेंगे। इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा रवाना होने से पहले उन्होंने टेरेस पर 60 पॉट्स में सब्जियों की बुआई की थी। इसके अलावा उन्होंने अपने बंगले के सामने गार्डन की कुछ क्यारियों में भी बीज बोए थे।
वाघ जैसे शहरी लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो बिजी लाइफ के बावजूद सब्जियों की खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं। एक महीना पुणे और एक महीना अदीस अबाबा में बिताने के बावजूद वाघ ने तय किया है कि वे अब घर में उगाई गई सब्जियां ही खाया करेंगे। उन्होंने कहा कि बतौर एक फार्मासिस्ट मुझे पता है कि सब्जियों पर कीटनाशकों का कितना खराब असर पड़ता है।
इस काम में हालांकि पॉट्स, मिट्टी, बीज आदि जुटाने में दिक्कत हो सकती है, लेकिन अगर यह काम आउटसोर्स कर दें तो आसानी हो जाती है। ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियों की खेती करने वालों के संगठन अभिनव फार्मर्स क्लब ने दो दिन पहले ही वाघ के घर में किचेन गार्डन लगाया है। वाघ या उनके किसी फैमिली मेंबर को सब्जियों की देखभाल में रोज बमुश्किल आधा घंटा देना होगा। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के बाद ज्यादा काम नहीं बचता। वर्मी कंपोस्ट यूनिट में न केवल किचेन और गार्डन के वेस्ट मटीरियल का इस्तेमाल हो जाएगा, इससे सब्जियों के लिए अच्छी खाद भी मिलेगी।
शहरों में रहने वाले काफी लोग किचन गार्डन में दिलचस्पी ले रहे हैं क्योंकि कम से कम कीटनाशकों के उपयोग से उगाई गई सब्जियों का मजा लेने का यही भरोसेमंद तरीका शहरों में रह गया है। पुणे के हिंजेवाड़ी आईटी पार्क में अभिनव फार्मर्स क्लब की ओर से हर रविवार होने वाले ट्रेनिंग सेशन में करीब 20 लोग आते हैं और सीखते हैं कि गमलों में सब्जियों की खेती कैसे की जा सकती है। इस एनजीओ ने हाल में एक प्रॉड्यूसर कंपनी की स्थापना की है और इसका एन्युअल टर्नओवर 24 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह ग्रुप एक किचन गार्डन लगाने के बदले 5 हजार से 10 हजार रुपये लेता है। यह एनजीओ जल्द मुंबई में भी किचन गार्डन बनाने में लोगों की मदद करना शुरू करेगा। बोडके ने कहा कि ठाणे से हमें पहले ही 56 ऑर्डर मिल चुके हैं।
ऑर्गेनिक वेजिटेबल्स सप्लाई करने के लिए इस क्लब की स्थापना करने वाले डी बोडके से लोगों ने अनुरोध किया था कि वे उन्हें किचन गार्डन बनाने में मदद करें। बोडके ने कहा कि इतने ज्यादा लोग गुजारिश करते हैं कि हम हर जगह अपने लोगों को किचन गार्डन के मेंटिनेंस के लिए नहीं भेज पाते हैं। इसे देखते हुए हमने ट्रेनिंग सेशन शुरू किए। खुद सब्जियां उगाने में जब वाघ को ठीकठाक सफलता नहीं मिली तो उन्होंने भी अभिनव फार्मर्स क्लब के ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लिया।
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